डॉ हर्ष वर्धन ने किया ‘आहार क्रांति’ का उद्घाटन

Amalendu Upadhyaya
Posted By -
0

Dr Harsh Vardhan announces the launch of `Aahaar Kranti’

नई दिल्ली, 14 अप्रैल: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने ‘आहार क्रांति’ के आरंभ की घोषणा कर दी है। ‘आहार क्रांति’ पोषण एवं भारत में स्थानीय रूप से सुलभ पौष्टिक भोजन, फलों और सब्जियों के बारे में जागरूकता फैलाने को समर्पित एक व्यापक मुहिम है।

विज्ञान भारती (विभा) और ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स ऐंड टेक्नोक्रेट्स फोरम (जीआईएसटी) ने मिलकर ‘आहार क्रांति’ मिशन शुरू किया है। केंद्रीय तथा राज्य सरकारों से संबंधित मंत्रालय और एजेंसियां इस पहल में शामिल हैं।

आहार क्रांति का आदर्श

विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य सरकारों की एजेंसियों तथा मंत्रालयों के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार भी इस संयुक्त पहल का हिस्सा है। मिशन के आगे बढ़ने के साथ इसमें कई अन्य संगठनों की भागीदारी पर सहमति बन चुकी है। इस मिशन का आदर्श है -‘उत्तम आहार-उत्तम विचार’ ।

आहार क्रांति का उद्देश्य

‘आहार क्रांति’ मुहिम की शुरुआत भारत और विश्व से जुड़ी एक ऐसी चुनौती से निपटने के उद्देश्य से की जा रही है, जिसे `hunger and diseases in abundance’ की संज्ञा दी जाती है। इस स्थिति को पर्याप्त खाद्यान्नों एवं चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता के बावजूद भूख एवं बीमारियों की व्यापकता से जोड़कर देखा जाता है।

कुछ अध्ययनों का अनुमान है कि भारत जितनी कैलोरी का उत्पादन करता है, उसका आधा ही उपभोग कर पाता है। आज भी देश में एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जिनको पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता। इस अजीबोगरीब परिस्थिति का मूल कारण समाज के विभिन्न वर्गों में पोषण संबंधी जागरूकता की कमी है।

“आहार क्रांति” अभियान भारत के पारंपरिक पोषक-आहार, स्थानीय फलों एवं सब्जियों की उपचारात्मक शक्तियों तथा संतुलित आहार के गुणों से लोगों को रूबरू कराकर आहार की उपलब्धता के बावजूद भूख और कुपोषण की विरोधाभासी स्थिति के समाधान की पहल प्रस्तुत करता है। यह अभियान स्थानीय रूप से उपलब्ध पोषण युक्त फलों एवं सब्जियों के उत्तम एवं संतुलित आहार पर ध्यान केंद्रित करेगा।

विज्ञान भारती (विभा) और ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट्स ऐंड टेक्नोक्रेट्स फोरम (Global Indian Scientists’ and Technocrats’ Forum) ने इस मुहिम को शुरू करने की पहल की है, जबकि कई अन्य एजेंसियां भी इसमें योगदान दे रही हैं। इन संस्थानों ने अपनी विशेषज्ञता एवं संसाधनों के रूप में अभियान में योगदान देने पर सहमति व्यक्त की है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबद्ध वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की प्रवासी भारतीय एकैडेमिक ऐंड साइंटिफिक संपर्क (प्रभास) इस पहल का समन्वय कर रही है।

आभासी (वर्चुअल) रूप में अभियान की शुरुआत करते हुए केंद्रीय मंत्री डॉ हर्ष वर्धन ने कहा कि

“यह सर्वथा उचित है कि ‘आहार क्रांति’ जैसा सामाजिक कल्याण से संबंधित कार्यक्रम माँ अन्नपूर्णा के चैत्र नवरात्रि के पहले दिन एक आंदोलन के रूप में शुरू किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि

“आज जब चारों ओर समूचा राष्ट्र कोविड-19 जैसी महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में आहार इस महामारी के प्रकोप से लड़ने में एक विशेष आयाम बनकर सामने आया है। ऐसे समय में, आहार के प्रति जनमानस में अपेक्षित जानकारी और जनजागरण पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गया है।”

डॉ हर्ष वर्धन ने इस अवसर पर ग्लोबल इंडियन साइंटिस्ट ऐंड टेक्नोक्रैट (जीआईएसटी) के प्रवासी अमेरिकी वैज्ञानिकों – डॉ येल्लोजी राव, डॉ श्रीनिवास राव और श्री प्रफुल्ल कृष्ण का विशेष रूप से उल्लेख किया है, जिन्होंने इस आंदोलन की कल्पना सामने रखी, इसका प्रतिपादन किया, और इसे जन-आंदोलन का स्वरूप देने पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि

“यह हम सभी जानते हैं की यह बहुत बड़ा काम आप लोगों ने अपने हाथों में लिया है। इसको आगे कई वर्षों तक चलाना भी है, ताकि यह आंदोलन हरित एवं श्वेत क्रांति की तरह जन- जन तक पहुँच सके।”

यह रेखांकित करते हुए कि केवल स्वस्थ व्यक्ति ही समृद्ध समाज का नेतृत्व कर सकते हैं, उन्होंने कहा कि “भारतीय आयुर्वेद पूरे विश्व के लिए एक मार्गदर्शक है। यह समय है कि हम वर्तमान विभिन्न स्वास्थ्य और सामाजिक चुनौतियों का सामना करने के लिए इस ज्ञान का उपयोग करें।” इस बहुमुखी अभियान ‘आहार क्रांति’ का उद्देश्य इस ज्ञान को जन-जन तक पहुँचाना है। यह आंदोलन देश के हर कोने तक पहुँचे, इसके लिए हर वर्ग का जुड़ना ज़रूरी है।

विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने कहा कि

“यह मिशन एक साथ कई आयामों पर काम करेगा। इसके उद्देश्यों में संतुलित एवं उत्तम आहार के बारे में बेहतर जागरूकता, बेहतर पोषण और बेहतर कृषि को बढ़ावा देने की कोशिश शामिल है। इन संदेशों को पाठ्यक्रम एवं गेम्स के माध्यम से छात्रों को प्रदान किया जाएगा, जिसमें मुख्य रूप से ‘पोषण से जुड़े क्या, क्यों, कैसे’ आधारित निर्देश शामिल रहेंगे। अंग्रेजी एवं हिंदी के अलावा ये संदेश/सामग्री विभिन्न स्थानीय भाषाओं में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन रूप से उपलब्ध होंगे। अभियान में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जो छात्रों को संदेश प्रेषित करेंगे, और छात्रों के माध्यम से यह संदेश उनके परिवारों, और अंततः पूरे समाज में पहुँचेगा।”

इस मौके पर अंग्रेजी एवं हिंदी में प्रकाशित होने वाले ‘आहार क्रांति’ नामक मासिक न्यूजलेटर की शुरुआत भी की गई है, जिसका प्रकाशन विज्ञान प्रसार कर रहा है।

विज्ञान भारती के अध्यक्ष डॉ विजय भटकर, प्रभास से जुड़े श्री ज्ञानेश्वर मुले, विज्ञान भारती के महासचिव सुधीर भदौरिया, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जयंत सहस्रबुद्धे, और जीआईएसटी से जुड़े डॉ येल्लोजी राव, डॉ श्रीनिवास राव और श्री प्रफुल्ल कृष्ण ने आशा व्यक्त की है कि यह पहल एक ऐसे मॉडल के रूप में उभरेगी, जिसका अनुसरण पूरी दुनिया करेगी।

(इंडिया साइंस वायर)

Topics – nutrition, balanced, diet, fruit, vegetable, vijnana bharati, vibha, global indian scientists’ and technocrats’ forum, gist, motto, उत्तम आहार-उत्तम विचार, uttam aahaar-Uttam vichaar, good diet-good cognition, aahaar kranti, hunger, disease, calories, malnourished, Vigyan Prasar, Pravasi bharatiya academic and scientific sampark, prabhaas, covid -19, green revolution, white revolution, Ayurveda.

Post a Comment

0Comments

Post a Comment (0)