विश्व मानवीय दिवस : मानवीय सहायता कर्मियों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा

Amalendu Upadhyaya
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विश्व मानवीय दिवस (World Humanitarian Day) के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र और साझीदार संगठनों ने दुनिया भर में मानवीय सहायता कर्मियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को रोकने की मांग की है। वर्ष 2023 में 280 से अधिक सहायता कर्मियों की मौतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं, जो 2022 की तुलना में 137% अधिक है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की इस खबर में पढ़ें कि कैसे यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस (UN chief Antonio Guterres) ने सरकारों से दंड मुक्ति की प्रवृत्ति को समाप्त करने और सहायता कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
World Humanitarian Day
विश्व मानवीय दिवस : मानवीय सहायता कर्मियों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा



मानवीय सहायता कर्मियों के विरुद्ध हिंसा बन्द किए जाने की पुकार


अन्य इनसानों की मदद करने की अपनी ड्यूटी पर काम करते हुए, मौत का शिकार होने वाले मानवीय सहायता कर्मियों की संख्या रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गई है. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठनों ने, सोमवार को विश्व मानवीय दिवस के अवसर पर, इस मामले में और अधिक जवाबदेही निर्धारित किए जाने की मांग की है.

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने बताया है कि मानवीय सहायताकर्मियों के लिए अपना काम करते हुए अपनी ज़िन्दगियों के लिए जोखिम के मामले में वर्ष 2023 अभी तक का सबसे जानलेवा साबित हुआ जब 33 देशों में 280 सहायता कर्मी मौत का शिकार हुए हैं. “यह शर्मनाक रूप में बहुत अधिक संख्या है.”

यह संख्या वर्ष 2022 में मारे गए सहायताकर्मियों की संख्या में 137 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दिखाती है. वर्ष 2022 में 118 सहायताकर्मी अन्य लोगों की मदद का काम करते हुए, मौत के मुँह में धकेल दिए गए थे.

यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने विश्व मानवीय दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि दंड मुक्ति का माहौल होने के कारण, मानवीय सहायताकर्मियों के ख़िलाफ़ हिंसा को अंजाम देने और झूठी जानकारी फैलाने के लिए ज़िम्मेदार तत्वों को न्याय के कटघरे में खड़े होने का डर नहीं होता है.

उन्होंने कहा है, “हम मांग करते हैं कि देशों की सरकारें, युद्ध में संलिप्त सभी पक्षों पर, आम लोगों को सुरक्षण मुहैया कराने के लिए दबाव डालें.”

“हम सभी को हमारी साझा इनसानियत की सुरक्षा व संरक्षा की ख़ातिर और अधिक प्रयास करने होंगे.”

सहायता कर्मियों की बढ़ती संख्या

सबसे अधिक दुखद बात ये है कि वर्ष 2024, मानवीय सहायता कर्मियों की मौतें होने के मामले में, सबसे अधिक भीषण या घातक साबित हो सकता है.

OCHA ने अस्थाई आँकड़ों का सन्दर्भ देते हुए बताया है कि 7 अगस्त तक, 172 सहायता कर्मियों की मौत हो चुकी है.

यूएन एजेंसी का कहना है कि वर्ष 2023 में जितने सहायता कर्मी मौत का शिकार हुए उनकी आधी संख्या ग़ाज़ा में युद्ध शुरू होने के पहले तीन महीनों, यानि अक्टूबर से दिसम्बर के दरम्यान हुईं. इनमें अधिकतर सहायता कर्मियों की मौतें इसराइल के हवाई हमलों में हुईं.

केवल ग़ाज़ा में ही, अक्टूबर (2023) के बाद से, 280 सहायता कर्मी मारे जा चुके हैं, जिनमें बहुसंख्या, फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूए सहायता एजेंसी – UNRWA के कर्मचारी हैं.

इसके अतिरिक्त सूडान और दक्षिण सूडान में अत्यन्त गम्भीर स्तर की हिंसा ने भी वर्ष 2023 और 2024 में, सहायता कर्मियों की मौतों में ख़ासा इज़ाफ़ा किया है.

इन सभी युद्धक परिस्थितियों में मारे गए अधिकर कर्मचारी उन देशों या क्षेत्रों के यूएन राष्ट्रीय स्टाफ़ थे. इसके अलावा अनेक मानवीय सहायता कर्मियों को यमन में अब भी बन्धक बनाकर रखा हुआ है.

संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वय कार्यालय – OCHA ने बताया है कि मानवीय सहायताकर्मियों के लिए अपना काम करते हुए अपनी ज़िन्दगियों के लिए जोखिम के मामले में वर्ष 2023 अभी तक का सबसे जानलेवा साबित हुआ जब 33 देशों में 280 सहायता कर्मी मौत का शिकार हुए हैं. “यह शर्मनाक रूप में बहुत अधिक संख्या है.”

यह संख्या वर्ष 2022 में मारे गए सहायताकर्मियों की संख्या में 137 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दिखाती है. वर्ष 2022 में 118 सहायताकर्मी अन्य लोगों की मदद का काम करते हुए, मौत के मुँह में धकेल दिए गए थे.

यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने विश्व मानवीय दिवस पर अपने सन्देश में कहा है कि दंड मुक्ति का माहौल होने के कारण, मानवीय सहायताकर्मियों के ख़िलाफ़ हिंसा को अंजाम देने और झूठी जानकारी फैलाने के लिए ज़िम्मेदार तत्वों को न्याय के कटघरे में खड़े होने का डर नहीं होता है.

उन्होंने कहा है, “हम मांग करते हैं कि देशों की सरकारें, युद्ध में संलिप्त सभी पक्षों पर, आम लोगों को सुरक्षण मुहैया कराने के लिए दबाव डालें.”

“हम सभी को हमारी साझा इनसानियत की सुरक्षा व संरक्षा की ख़ातिर और अधिक प्रयास करने होंगे.”


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