अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में जो हुआ वह चेतावनी है जनाधिकार, संविधान के प्रति आस्था रखने वालों को

Amalendu Upadhyaya
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What happened in the US capital Washington is a warning to those who believe in the Constitution

बीती रात (वहाँ सरे दिन) अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन (US Capital Washington) में जो हुआ, वह एक नजीर है कि जब जब राईट विंग के लोग सत्ता में आते हैं, लोकतंत्र, संस्थाओं और जनभावनाओं का निकसान करते हैं।

संसद के भीतर गोली चली, नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (National Security Guard) तैनात हुए, राजधानी में कर्फ्यु लगा दिया गया — झूठ, बेहतर अर्थव्यवस्था ( हालांकि कुछ पूंजीपतियों को माला माल कर जीडीपी के आंकड़े बना कर ) और सैन्य निरंकुशता को राष्ट्रवाद का चोला पहना कर सत्ता में आने वाले भले ही धार्मिक, नैतिक दीखते हैं लेकिन असल में ये शेर की सवारी करते हैं — जब तक दौड़ रहा है ठीक, जब रुक गया और नीचे उतरना पड़ा तो खा जाएगा। तभी सत्ता पर बने रहने के लिए गरिमा, संविधान, नैतिकता का चीर हरण करना, जन भावनाओं को गुंडई से कुचलना इनका मूल चरित्र होता है।

अच्छा हुआ – दुनिया की सबसे पुरानी डेमोक्रेसी में यह उजागर हो गया।

यह चेतावनी है जनाधिकार, संविधान के प्रति आस्था रखने वाले और देश में लोकतंत्र के लिए संस्थाओं की स्वायत्तता में भरोसा रखने वालों को।

थोड़ी कही बहुत समझना — ताकि सनद रहे और वक़्त पर काम आये।

वरिष्ठ पत्रकार पंकज चतुर्वेदी की एफबी टिप्पणी का संपादित रूप साभार

बीती रात (वहाँ सरे दिन) अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन में जो हुआ , वह एक नजीर है कि जब जब राईट विंग के लोग सत्ता में आते…

Posted by Pankaj Chaturvedi on Wednesday, January 6, 2021

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